बी एड - एम एड >> बी.एड. सेमेस्टर-3 प्रश्नपत्र-1 - विद्यालय नेतृत्व एवं प्रबन्धन बी.एड. सेमेस्टर-3 प्रश्नपत्र-1 - विद्यालय नेतृत्व एवं प्रबन्धनसरल प्रश्नोत्तर समूह
|
0 5 पाठक हैं |
बी.एड. सेमेस्टर-3 प्रश्नपत्र-1 - विद्यालय नेतृत्व एवं प्रबन्धन
प्रश्न- विद्यालय में प्रयोगशाला के महत्व एवं लाभ को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर -
प्रयोगशाला का महत्व
विद्यालयों में प्रयोगशालाओं का अपना स्थान होता है। आधुनिक युग में शिक्षा को अधिकाधिक व्यावहारिक तथा जीवन से सम्बन्धित किया जा सकता है। इसके लिए शिक्षा तथा शिक्षण के जगत् में एक नारा चला है - 'करके सीखना' करके सीखने के लिए भी प्रयोगशालाओं तथा उनमें विभिन्न प्रकार के उपकरणों तथा साज-सज्जाओं का होना अनिवार्य है। इन प्रयोगशालाओं के विभिन्न प्रकार के प्रयोग करके बालक न केवल करके ही सीखते हैं अपितु वे तथ्यों का व्यावहारिक एवं जीवनोपयोगी ज्ञान भी प्राप्त करते हैं। आधुनिक युग में तो प्रयोगशालाओं का इतना व्यापक एवं प्रचुर प्रयोग होने लगा कि प्रगतिशील विद्यालय तो न केवल भौतिक विज्ञानों का ही अपितु सामाजिक एवं भाषा विज्ञानों का शिक्षण भी प्रयोगशालाओं के माध्यम से करते हैं। इसलिए आज के साधन सम्पन्न एवं प्रगतिशील विचारों वाले विद्यालय न केवल भौतिक विज्ञानों के अपितु सामाजिक विज्ञानों के लिए भी उपयुक्त प्रयोगशालाओं की व्यवस्था करते हैं।
प्रयोगशाला स्थापना के सिद्धान्त
विद्यालयों में भौतिक एवं सामाजिक विज्ञानों की व्यवस्था एवं स्थापना के सम्बन्ध में निम्नांकित सिद्धान्तों को ध्यान में रखा जाना चाहिए
(1) उच्च माध्यमिक स्तर तक प्रायः सभी भौतिक विज्ञानों के लिए एक ही प्रयोगशाला हो।
(2) प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्तर तक सम्पूर्ण प्रकृति तथा आसपास के पर्यावरण को
प्रयोगशाला के रूप में अपनाया जाय।
(3) माध्यमिक स्तर पर सभी भौतिक विज्ञानों के लिए पृथक्-पृथक् प्रयोगशालाएँ स्थापित की जायें।
(4) प्रयोगशाला के लिए जो कक्ष निर्मित किये जायें या चुने जायें, उनकी निम्नलिखित विशेषताएँ हों -
(i) प्रयोगशाला कक्ष सामान्य कक्ष से बड़ा हो।
(ii) प्रयोगशाला में संवातन की पर्याप्त व्यवस्था हो।
(iii) मुख्य कक्ष के साथ संलग्न दो छोटे-छोटे कक्ष भी हों जिनमें से एक भण्डार के रूप में तथा दूसरा प्रभारी के कार्यालय के रूप में प्रयोग किया जाए।
(iv) प्रयोगशाला कक्ष में पानी की अच्छी व्यवस्था हो।
(5) प्रत्येक प्रयोगशाला का विषय से सम्बन्धित अध्यापक प्रभारी हो। प्रभारी अध्यापक के अलावा कुछ सहायक भी हों।
(6) सभी प्रयोग प्रभारी अध्यापक की देखरेख में ही सम्पन्न किये जायें।
(7) प्रभारी अध्यापक तथा छात्र एप्रिन पहनकर प्रयोगशाला में कार्य करें, अतः पर्याप्त मात्रा में एप्रिन भी होने चाहिए।
(8) सामाजिक विज्ञानों की प्रयोगशाला से सम्बन्धित विषय के लिए उपयोगी सभी साहित्य तथा उपकरण होने चाहिए।
प्रयोगशाला के लाभ -
एक अच्छे विद्यालय में प्रयोगशालाएँ होती है। इससे छात्रों को निम्नलिखित लाभ मिलते हैं।
(1) व्यावहारिक शिक्षा प्रयोगशाला की स्थापना से छात्रों को पुस्तकीय तथा सैद्धान्तिक शिक्षा के स्थान पर व्यावहारिक एवं वास्तविक शिक्षा प्रदान की जा सकती है।
(2) रोचकता लाना प्रयोगशाला में छात्र विभिन्न कार्य स्वयं करते हैं, इससे अधिगम- अध्यापन में रोचकता आती है। छात्र सैद्धान्तिक कक्षाओं में बैठकर उदासीन हो जाते हैं। प्रयोगशाला छात्रों की इस उदासीनता को तोड़कर रोचकता लाती है।
(3) करके सीखना - प्रयोगशालाओं में छात्र विभिन्न प्रयोग स्वयं अपने हाथों से करता है। यह करके सीखने के सिद्धान्त पर आधारित है। छात्र जिस ज्ञान को स्वयं करके सीखता है, वह अधिक स्थायी तथा जीवनोपयोगी होता है।
(4) योजनाबद्ध कार्य प्रयोगशाला में छात्र किसी कार्य को सुनियोजित तथा व्यवस्थित रूप से करना सीख जाता है।
(5) नवीन शिक्षा - प्रयोगशाला से छात्रों को ऐसे छात्रों की शिक्षा प्राप्त होती है जो सामान्यतः अन्य साधनों से सम्भव नहीं है। उदाहरण के लिए विभिन्न प्रकार के उपकरणों, पदार्थों, प्रारूपों, सामग्रियों, चार्टों आदि को संभालकर कैसे रखें, यह ज्ञान बालक यहीं सीखता है। यहाँ छात्र अपनी चीजों को सँभाल कर रखना सीखता है।
(6) प्रगतिशील शिक्षण विधियों का प्रयोग - अनेक शिक्षाविदों ने वर्तमान में अनेक प्रगतिशील शिक्षण विधियों का विकास किया है, जैसे डाल्टन योजना, ह्यूरिस्टिक प्रणाली, प्रोजेक्ट पद्धति, प्रयोगशाला पद्धति आदि। इन नवीन शिक्षण पद्धतियों में प्रयोगशाला का प्रयोग वांछित है।
(7) व्यक्तित्वं गुण - प्रयोगशाला छात्रों में अनेक महत्वपूर्ण व्यक्तिगत गुणों का विकास करने में सहायक होती है। प्रयोगशाला में कार्य करने से छात्रों में अवलोकन, वैज्ञानिक दृष्टिकोण, शक्ति, धैर्य, तर्क शक्ति, निष्कर्ष-निरूपण, स्वतंत्र रूप से कार्य करने की क्षमता का सहज ही विकास होता है।
(8) बचत - प्रयोगशाला एक कमरे में होती है। सारा सामान वहीं रहता है। छात्र उस सामान का वहीं प्रयोग करके सीखते हैं। इससे सामान को इधर-उधर लाने ले जाने में समय व श्रम नहीं लगता है, साथ ही प्रयोगशाला उपकरणों के टूटने-फूटने तथा क्षतिग्रस्त होने का भय नहीं रहता है।
(9) प्रेरणा तथा रुचि - प्रयोगशाला छात्रों में अधिगम के प्रति न केवल रुचि उत्पन्न करती है अपितु उनमें प्रेरणा भी जाग्रत करती है क्योंकि यहाँ छात्र जो भी कार्य करता है वह स्थूल रूप में दिखाई देता है। उसका एक अहम् भाव तथा आत्मविश्वास जाग्रत होता है कि यह कार्य मैंने किया है।
(10) कौशलों का विकास - प्रयोगशाला छात्रों में अनेक उपयोगी कौशलों का विकास करती है। छात्रों की सभी ज्ञानेन्द्रियाँ यहाँ लिप्त होती हैं। छात्र स्वयं अपने हाथों से कार्य करते हैं, आँखों से देखते हैं तथा अन्य इन्द्रियों का प्रयोग करते हैं। इससे उनमें कई प्रकार के कौशलों का सहज ही विकास होता है।
|
- प्रश्न- नेतृत्व का अर्थ स्पष्ट करते हुए नेतृत्व के प्रकार तथा आवश्यकता की विवेचनाकीजिए।
- प्रश्न- नेतृत्व के विभिन्न सिद्धान्तों का उल्लेख करते हुए नेता के सामान्य गुणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा में नेतृत्व की महत्ता की विवेचना शिक्षा-प्रशासन तथा शिक्षण अधिगम के क्षेत्र में विस्तार से कीजिए।
- प्रश्न- नेतृत्व से सम्बन्धित किन्हीं दो सिद्धान्तों को विस्तार से विवेचित कीजिये।
- प्रश्न- विद्यालय नेता के रूप में प्राचार्य की भूमिका स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- नेतृत्व का अर्थ एवं परिभाषा दीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक नेतृत्व में नैतिकता और शिष्टाचार का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- प्रभावी शैक्षिक नेतृत्व के विकास के सोपान को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रजातांत्रिक व निरंकुशवादी नेतृत्व में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक नेतृत्व की अवधारणा लिखिए।
- प्रश्न- विद्यालय प्रशासन में ग्रिफिथ्स द्वारा कल्पित विद्यालय तन्त्र की विस्तृत विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- विद्यालय के शैक्षिक प्रशासन में मानवीय सम्बन्धों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- प्रधानाचार्य तथा शिक्षक के सम्बन्ध पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- संघर्षरहित वातावरण की विशेषता स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- नेतृत्व में समूह बनाने की अवधारणा लिखिए।
- प्रश्न- शिक्षा के प्रबन्धन का अर्थ स्पष्ट करते हुए शिक्षा में प्रबन्ध के कार्य क्षेत्र पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रबन्धन के महत्व को स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- प्रबन्धन से आप क्या समझते हैं? इसकी समुचित परिभाषा देते हुए विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- शिक्षा प्रबन्धन की अवधारणा स्पष्ट करते हुए इसकी विशेषता एवं क्षेत्र का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रबन्धन के कार्यों की विस्तृत विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रबन्धन की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा-प्रशासन तथा शिक्षा प्रबन्ध में अन्तर समझाइए तथा शिक्षा प्रबन्ध की महत्वपूर्ण दशाएँ बताइए।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रबन्धन की समस्याएँ बताइए।
- प्रश्न- प्रबन्धन के मुख्य कार्यों को संक्षेप में बताये ?
- प्रश्न- पोस्डकॉर्ब (POSDCORB ) को स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- कुछ प्रमुख विचारकों द्वारा बताये गये प्रबन्धन के कार्यों का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रबन्धन के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शिक्षा प्रबन्ध के क्षेत्र को संक्षेप में स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रबन्धन की आवश्यकता एवं महत्व का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रबन्धन को प्रभावित करने वाले तत्त्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रबन्धन के उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- एक अच्छे प्रबन्धक की विशेषतायें लिखिये।
- प्रश्न- विद्यालय में कक्षा-कक्ष प्रबन्धन से क्या आशय है? कक्षा-कक्ष प्रबन्धन की प्रक्रिया को समझाइये।
- प्रश्न- कक्षा-कक्ष प्रबन्धन का अर्थ एवं सिद्धान्त की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- कक्षा-कक्ष प्रबन्धन की समस्याओं का विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कक्षा-कक्ष प्रबन्धन कौशल के प्रमुख घटक या चर कौन-से हैं ?
- प्रश्न- कक्षा-कक्ष प्रबन्धन के उद्देश्य लिखिए ?
- प्रश्न- कक्षा-कक्ष प्रबन्धन को प्रभावित करने वाले कोई पाँच कारक लिखिए।
- प्रश्न- कक्षा-कक्ष प्रबन्धन के सिद्धान्तों की व्याख्या संक्षेप में कीजिये।
- प्रश्न- कक्षा-कक्ष प्रबन्धन की समस्यायें बताइये?
- प्रश्न- कक्षा-कक्ष के प्रमुख घटक या चर कौन से हैं? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कक्षाकक्ष प्रबन्धन में शिक्षक की भूमिका का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कक्षा-कक्ष प्रबन्धन की क्यों आवश्यकता है ?
- प्रश्न- टीम निर्माण की आवश्यकता बताते हुए टीम निर्माण में सम्प्रेषण के महत्व की विवेचना कीजिये?
- प्रश्न- सम्प्रेषण का क्या अर्थ है? इसकी आवश्यकता एवं महत्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सम्प्रेषण प्रक्रिया के प्रमुख घटक कौन-कौन से हैं? विद्यालय में सम्प्रेषण के विभिन्न स्तरों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सम्प्रेषण की कौन-कौन सी विधियाँ एवं प्रविधियाँ प्रयोग में लायी जाती हैं? सम्प्रेषण की समस्याओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सम्प्रेषण के आधार पर टीम निर्माण के निहित तत्वों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- दल-निर्माण में सम्प्रेषण की अवधारणा स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- टीम निर्माण में सम्प्रेषण के सिद्धान्तों का प्रयोग समझाइये ?
- प्रश्न- दल निर्माण के उद्देश्यों को स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- सम्प्रेषण में सुधार करने के लिए दल निर्माण की भूमिका का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- सम्प्रेषण किसे कहते हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सम्प्रेषण की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सम्प्रेषण प्रक्रिया के प्रमुख घटक कौन-कौन से हैं? उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सम्प्रेषण की आवश्यकता तथा महत्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विद्यालय प्रबन्धन में स्वोट (SWOT) विश्लेषण क्या है ? स्वोट विश्लेषण की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- विद्यालय प्रबन्धन की गुणवत्ता को प्रभावशाली बनाने में स्वोट विश्लेषण आयोजित करने के लिए शिक्षकों के कर्त्तव्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- Swot स्वोट विश्लेषण के लाभ समझाइये।
- प्रश्न- स्वोट विश्लेषण का मूल्यांकन कैसे किया जा सकता है? समझाइये।
- प्रश्न- SWOT स्वोट विश्लेषण के रूप या प्रकार बताइये।
- प्रश्न- स्कूल या विद्यालय का अर्थ व परिभाषा बताते हुए उसके कार्यो की विवेचना कीजिये।
- प्रश्न- विद्यालय और समाज एक-दूसरे पूरक एवं सहयोगी हैं, विस्तार से वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विद्यालय भवन के निर्माण, साज-सज्जा तथा रख-रखाव पर विस्तृत वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- विद्यालय भवन या निर्माण के आवश्यक घटकों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- विद्यालय भवन से क्या तात्पर्य है? विद्यालय भवन निर्माण के आवश्यक तथ्यों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- विद्यालय पुस्तकालय से आप क्या समझते हैं? पुस्तकालय के उद्देश्य एवं लाभ का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विद्यालय के प्रकारों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विद्यालय भवन निर्माण के चरण (Steps) बताइये।
- प्रश्न- विद्यालय भवन में लर्निंग कार्नर किसे कहते हैं?
- प्रश्न- विद्यालय भवन के प्रमुख कक्ष पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विद्यालय / स्कूल की मुख्य विशेषतायें समझाइये।
- प्रश्न- विद्यालय की आवश्यकता एवं महत्व को बताइये।'
- प्रश्न- भौतिक संसाधन प्रबन्धन की विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- विद्यालय भवन-निर्माण के सिद्धान्त का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- विद्यालय छात्रावास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- विद्यालय भवन की विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- 'समय सारणी शिक्षण-अधिगम के कुछ मूल सिद्धान्तों पर आधारित होती है, केवल मात्र मुख्याध्यापक की मर्जी पर नहीं।' इस कथन को स्पष्ट करते हुए समय-सारणी के निर्माण सम्बन्धी सिद्धान्तों की व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- विद्यालय समय-सारणी के प्रकार बताइये तथा कक्षा विद्यालय की समय-सारणी 'का उदाहरण दीजिये।
- प्रश्न- समय-सारणी चक्र का निर्माण करने के सामान्य सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- समय सारणी चक्र के निर्माण करने के विशिष्ट सिद्धान्तों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- समय-सारिणी चक्र के विभिन्न प्रकारों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- विद्यालय वातावरण का अर्थ समझाइए।
- प्रश्न- विद्यालय समय-सारणी के सोपान (Steps ) बताइये।
- प्रश्न- समय-सारणी की पाँच विशेषताओं का उल्लेख कीजिये ?
- प्रश्न- विद्यालय समय-सारणी के महत्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विद्यालय में समय चक्र की आवश्यकता व महत्त्व की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- समय तालिका के निर्माण में आने वाली व्यावहारिक कठिनाइयों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- समय तालिका निर्माण के प्रमुख सिद्धान्तों का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- प्रयोगशाला से आपका क्या तात्पर्य है? प्रयोगशाला स्थापना के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- एक अच्छी प्रयोगशाला से छात्रों को क्या-क्या लाभ प्राप्त हुए हैं ? साथ ही प्रयोगशाला संचालन करते समय क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए ? उसका उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- विद्यालय में प्रयोगशाला के महत्व एवं लाभ को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- खेल का मैदान/क्रीडास्थल पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- खेल के मैदान का महत्व बताइये।
- प्रश्न- विद्यालय में खेल के मैदान की व्यवस्था किस प्रकार करनी चाहिए? समझाइये। उत्तर -
- प्रश्न- स्टाफ रूम / शिक्षक-कक्ष को स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- कक्षा-कक्ष ( Class Room) को परिभाषित कीजिये।
- प्रश्न- बच्चों के अनुकूल स्कूल (Child Friendly School ) पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- संस्थागत शासन से आपका क्या तात्पर्य है तथा संस्थागत प्रशासन में प्रधानाचार्य की भूमिका का उल्लेख कीजिये।
- प्रश्न- कार्मिकों (स्टाफ) की भर्ती एवं चयन प्रक्रिया को समझाइये।
- प्रश्न- स्टाफ ( Staff) मूल्यांकन को समझाते हुए, इसकी विशेषताएँ बताइये ?
- प्रश्न- स्टाफ ( शिक्षकों) के व्यावसायिक विकास को विस्तारपूर्वक समझाइये ?
- प्रश्न- विद्यालय में बैटक ( मीटिंग) की व्यवस्था करने में प्रधानाचार्य की क्या भूमिका है? वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन के आधारभूत सिद्धान्तों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- शिक्षा प्रशासन के प्रारूपों का वर्णन कीजिये। शिक्षा व्यवस्था के तीनों स्तरों पर प्रशासन के स्वरूप / संरचना का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन से आप क्या समझते हैं? शैक्षिक प्रशासन के क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन की आवश्यकता व महत्व पर प्रकाश डालिए और उसके उद्देश्यों को भी स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन के आधारभूत सिद्धान्तों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- ऐतिहासिक दृष्टि से शैक्षिक प्रशासन को कितने विभिन्न भागों में विभाजित किया जा सकता है? स्वतन्त्र भारत में शिक्षा प्रशासन की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन कला है या विज्ञान? संक्षेप में स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन का अर्थ क्या है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- केन्द्रीकरण एवं विकेन्द्रीकरण का अर्थ एवं विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन के गुण एवं विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन के व्यापक अर्थ को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बाह्य तथा आन्तरिक प्रशासन से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- एक अच्छे शैक्षिक प्रशासक के गुणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विद्यालय पर्यवेक्षक के रूप में प्रधानाचार्य की भूमिका का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संस्थागत क्रियाओं के सुशासन हेतु प्रधानाचार्य की भूमिका स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रधानाचार्य के पर्यवेक्षण सम्बन्धी कार्य का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- मूल्यांकन में प्रधानाचार्य की भूमिका स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- विद्यालय में मीटिंग की व्यवस्था करने में प्रधानाचार्य की भूमिका की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- परिवेक्षण तथा पर्यवेक्षण में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- विद्यालय स्वास्थ्य शिक्षा कार्यक्रम क्या है ? इसके उद्देश्य बताइये।
- प्रश्न- स्वास्थ्य शिक्षा से आप कया समझते हैं? स्वास्थ्य शिक्षा के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए एक अध्यापक की भूमिका का वर्णन करें।
- प्रश्न- विद्यालयों में बच्चों के स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं? विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- विद्यालयीय चिकित्सा सेवा से क्या तात्पर्य है? इसके विभिन्न पक्षों और कार्यों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- योग का अर्थ बताते हुए विभिन्न विद्वानों की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए। अथवा योग शिक्षा से आप क्या समझते हैं? उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- विद्यालय मध्याह्न भोजन से आप क्या समझते है ? भोजन के विभिन्न कार्यों पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- मध्याह्न भोजन की आवश्यकता बताइए तथा निष्पादन पर इसके प्रभाव का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सन्तुलित आहार से आप क्या समझते हैं? पौष्टिक आहार के विभिन्न तत्वों के स्रोतों तथा कार्यों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- एक चिकित्सा निरीक्षण क्या है?
- प्रश्न- टीकाकरण (Immunization) पर अपने विचार व्यक्त करिये ?
- प्रश्न- उचित मुद्रा (Posture ) के महत्व पर विचार प्रकट कीजिये।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन के केन्द्रीयकरण के नियम के गुणों को समझाइये।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन के नियम विभिन्न विद्वानों द्वारा प्रस्तुत हैं संक्षेप में बताइये।
- प्रश्न- शैक्षिक प्रशासन के स्वरूप को संक्षेप में बताइये।
- प्रश्न- छात्रों के नियमित स्वास्थ्य निरीक्षण से होने वाले लाभों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- कलाई की योग मुद्राओं के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- चिकित्सा से सम्बन्धित शिक्षक के क्या कार्य या कर्त्तव्य होने चाहिए ?
- प्रश्न- मेडिकल या स्वास्थ्य रिकॉर्ड के अभिलेख का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम का क्या अर्थ है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम में अध्यापक की भूमिका का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (1. शैक्षिक नेतृत्व का अर्थ एवं प्रकार)
- प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (2. दल निर्माण)
- प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (3. शैक्षिक प्रशासन और स्कूल )
- प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (4. विद्यालय में एक प्रभावी कक्षा कक्ष प्रबन्धन के लिए प्रबन्धन कार्यों का उपयोग करना )
- प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (5. दल निर्माण में सम्प्रेषण का महत्व )
- प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (6. विद्यालय प्रबन्धन में गुणवत्ता सुधार के लिए तथा स्वोट विश्लेषण आयोजित करने के लिए शिक्षकों एवं प्रधानाचार्य का कौशल)
- प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (7. स्कूल (विद्यालय) - उसके कार्य और समाज से सम्बन्ध)
- प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (8. स्कूल वातावरण : अर्थ एवं प्रकार, समय-सारणी, समय-सारणी तैयार के सिद्धान्त और तकनीक)
- प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (9. प्रयोगशाला, खेल मैदान, छात्रावास, स्टाफ रूम, कक्षा-कक्ष)
- प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (10. संस्थागत शासन, चयन प्रक्रिया, स्टाफ का मूल्यांकन)
- प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (11. भारत में शैक्षिक प्रशासन के सिद्धान्त और उसकी संरचना )
- प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (12. प्रधानाचार्य विद्यालय पर्यवेक्षक के रूप में )
- प्रश्न- निम्नलिखित में प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए चार-चार विकल्प दिये हैं, जिनमें केवल एक सही है। सही विकल्प ज्ञात कीजिए। (13. स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के पर्यवेक्षक )